86 वर्ष की आयु में देश के वरिष्ठ उद्योगपति और टाटा समूह के स्तंभ का निधन

उन्होंने 1991 में $100 बिलियन मूल्य के स्टील-से-सॉफ्टवेयर समूह के अध्यक्ष पद को संभाला और 2012 तक अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित इस कंपनी का सफलतापूर्वक संचालन किया।

सोमवार को उन्होंने अपनी सेहत से जुड़ी अफवाहों को खारिज करते हुए कहा था, “मैं अपनी उम्र के कारण सामान्य चिकित्सा जांच करा रहा हूं,” यह बात उन्होंने सोशल मीडिया पर स्पष्ट की थी।

टाटा सन्स के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन ने अपने शोक संदेश में कहा, “रतन टाटा के निधन से देश की प्रौद्योगिकी, उद्योग और मानव सेवा क्षेत्रों को गहरा दुख हुआ है।

चंद्रशेखरन ने आगे कहा, “रतन टाटा सिर्फ अध्यक्ष नहीं थे, वे हमारे मार्गदर्शक, मित्र और प्रेरणास्त्रोत थे।

उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर विस्तार किया, फिर भी उसने अपने नैतिक सिद्धांतों को बरकरार रखा।”

1996 में टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना करने वाले रतन टाटा ने 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक कंपनी के रूप में बदल दिया।

रतन टाटा का व्यक्तिगत जीवन भी कई चुनौतियों से भरा रहा है। 1937 में जन्मे रतन टाटा, अपने माता-पिता के तलाक के बाद अपनी दादी नवाजबाई टाटा की देखरेख में बड़े हुए।