शारदा सिन्हा का निधन: लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं और दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उनका इलाज चल रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसे संगीत की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि उनके मैथिली और भोजपुरी में गाए हुए लोक गीत अत्यंत लोकप्रिय थे। विशेष रूप से छठ पर्व पर गाए गए उनके गीत हमेशा याद किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
शारदा सिन्हा का योगदान
शारदा सिन्हा अपने लोकगीतों के लिए प्रसिद्ध थीं और उन्होंने छठ पर्व जैसे भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण पर्वों को अपने गीतों के माध्यम से जीवंत किया। उनका गीत “कार्तिक मास इजोरिया” और “कोयल बिन” जैसे गीत भोजपुरी और मैथिली क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, बॉलीवुड में भी उन्होंने “गैंग्स ऑफ़ वासेपुर-II” का गीत “तार बिजली” और “हम आपके हैं कौन” का गीत “बाबुल” गाया, जो लोगों के बीच खूब सराहा गया।
मुख्य बिंदु तालिका
प्रमुख बिंदु | विवरण |
---|---|
नाम | शारदा सिन्हा |
उम्र | 72 वर्ष |
मृत्यु का स्थान | AIIMS, दिल्ली |
प्रसिद्ध गीत | कार्तिक मास इजोरिया, कोयल बिन, तार बिजली, बाबुल |
प्रसिद्धि क्षेत्र | भोजपुरी और मैथिली लोक गीत |
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया | शारदा सिन्हा का निधन संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति |
शारदा सिन्हा के प्रमुख गीतों का प्रभाव
शारदा सिन्हा के गीतों में छठ पर्व पर आधारित गीत विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। उनके गीतों में छठ की भावना और बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को महसूस किया जा सकता है। इन गीतों को सुनने पर न केवल बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग बल्कि पूरे देशभर के लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। “कार्तिक मास इजोरिया” और “कोयल बिन” जैसे गीत अपने लोकसंगीत के माध्यम से हमें भारतीय संस्कृति की गहराइयों में ले जाते हैं।
बॉलीवुड में योगदान
हालांकि, शारदा सिन्हा का प्रमुख क्षेत्र लोकगीत था, परंतु बॉलीवुड में भी उनके कुछ गीतों ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। उनके द्वारा गाया गया गीत “तार बिजली” फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर-II” में और “बाबुल” फिल्म “हम आपके हैं कौन” में खासे लोकप्रिय रहे।
प्रधानमंत्री मोदी का दुख व्यक्त करना
प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि उनकी आवाज़ हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेगी। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा की मृत्यु संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है और उनके गीतों की गूंज हमेशा बनी रहेगी।
FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: शारदा सिन्हा कौन थीं?
Ans: शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध भारतीय लोक गायिका थीं, जिन्होंने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों के माध्यम से लोकप्रियता हासिल की।
Q2: शारदा सिन्हा के कौन से गीत प्रसिद्ध हैं?
Ans: उनके गीत “कार्तिक मास इजोरिया”, “कोयल बिन”, “तार बिजली” और “बाबुल” काफी लोकप्रिय हैं।
Q3: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा की मृत्यु पर क्या कहा?
Ans: प्रधानमंत्री ने शारदा सिन्हा की मृत्यु को संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया और उनके परिवार को संवेदना व्यक्त की।
Q4: छठ पर्व पर शारदा सिन्हा का क्या योगदान था?
Ans: शारदा सिन्हा के छठ पर्व पर गाए गए गीत बिहार और उत्तर प्रदेश में अत्यंत लोकप्रिय हैं और इस पर्व की आत्मा को उजागर करते हैं।
शारदा सिन्हा का निधन निष्कर्ष
शारदा सिन्हा का निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके लोकगीतों ने हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का कार्य किया। उनकी आवाज और उनके गीतों का जादू हमेशा लोगों के दिलों में बसा रहेगा। उनके गीत छठ पर्व और भोजपुरी मैथिली संगीत को नई ऊंचाइयों तक ले गए। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
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